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Wednesday, December 4, 2024

UGC New Rule: ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए यूजीसी का नया नियम हुआ जारी, अब इतने वर्ष का होगा स्नातक और परास्नातक

UGC New Rule: ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए यूजीसी का नया नियम हुआ जारी, अब इतने वर्ष का होगा स्नातक और परास्नातक

UGC New Rule: स्नातक और पढ़ाई स्नातक हेतु यूजीसी का नया नियम जारी हो चुका है और कितने समय में डिग्री कोर्स आप हासिल करेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से अगले सत्र में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों मे बौद्धिक क्षमता के आधार पर मेधावी और कमजोर छात्रों को डिग्री पूरा करने हेतु अलग-अलग विकल्प मुहैय्या कराए जाने का भी बड़ा फैसला लिया गया है। नई व्यवस्था में पहले वह दूसरे सेमेस्टर के आधार पर छात्रों के प्रश्न का यहां पर मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें विकल्प दिया जाएगा। यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के माध्यम से बताया गया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्नातक कार्यक्रम में जो नया नियम है वह लागू कर दिया जाएंगा।

जानिए यूजीसी का नया नियम

यूजीसी के माध्यम से जल्द एसओपी राज्यों और उच्च शिक्षा स्थान को सुझाव हेतु भेजा जाने वाला है। सबसे बड़ी खास बात तो यह है कि जितने भी विश्वविद्यालय हैं और कॉलेज हैं यहां के जो मेधावी छात्र हैं उनके लिए हर कोर्स में 10 फीसदी सीट भी आरक्षित किए जाने का प्रावधान किया गया है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के माध्यम से यह नया नियम लागू किया जाने वाला है। आपको बता दिया जाता है कि मेधावी छात्रों के लिए थोड़े डिग्री कार्यक्रम का विकल्प दिया जाएगा। ऐसे छात्रों के लिए 10 फीसदी सीटों को आरक्षित किया जाएगा। जिसमें वही पाठ्यक्रम क्रेडिट स्कोर रहेगा जो सामान्य डिग्री प्रोग्राम में रहता है जिसमें बदलाव सिर्फ डिग्री की पूरी पूरी करने का समय सीमा में ही रहता है।

कमजोर छात्रों के लिए ईडीपी का विकल्प रहेगा

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के माध्यम से जो नया नियम लागू होने जा रहा है। कमजोरी या धीमी कैसे सीखने वाले जितने भी छात्र हैं उनके विस्तारित डिग्री कार्यक्रम का विकल्प भी इस बार दिया जाएगा। ऐसे छात्र पहले सेमेस्टर या दूसरा सेमेस्टर खत्म होने के बाद इस विकल्प का चयन भी कर सकेंगे। इसके बाद अनुमति नहीं दिया जाएगा। परीक्षा मूल्यांकन सामान्य कोर्स की तरह ही यहां पर होगा।

कोर्स की अवधि को छोटा या फिर आगे बढ़ने का विकल्प

आप सभी की जानकारी के लिए बता दिया जाता है कि एडीपी के तहत एडिशनल क्रेडिट प्राप्त कर 3 वर्ष या फिर 4 वर्ष का जो कोर्स है वह कम समय में ही पूरा किए जाने का विकल्प दिया जाएगा। एडीपी में हर सेमेस्टर कम क्रेडिट प्राप्त कर कोर्स की समय सीमा आगे बढ़ाई जाने का भी विकल्प दिया जाएगा। यानी कि छात्रा चाहे तो इस कोर्स को कम समय में भी पूरा कर सकते है। आप अपने सीखने की क्षमताओं के आधार पर अपनी अध्ययन अवधि को छोटा या आगे बढ़ाने के लिए इस विकल्प का उपयोग आसानी से कर सकते हैं। एडीपी छात्रों का प्रति सेमेस्टर अतिरिक्त क्रेडिट अर्जित करते हुए कम समय में 3 साल या फिर 4 साल की डिग्री पूरा करने के यहां पर अनुमति देता है। आपको बता दिया जाता है कि 3 साल या फिर 4 साल का जो स्नातक का प्रोग्राम है इसकी अवधि को ज्यादा से ज्यादा दो सेमेस्टर तक यहां पर बढ़ाया जा सकता है।

यहां फैसला क्यों लिया गया जानिए पूरी अपडेट

जैसे कि छात्रों के पढ़ने की जो स्पीड होती है वह अलग-अलग होती है और जो छात्र पढ़ाई जल्दी पूरा करना चाह रहे हैं और कुछ को थोड़ा ज्यादा समय लगता है तो ऐसी सुविधा छात्रों को अपनी गति को अपनी गति से पढ़ने की अनुमति यह यूजीसी का नया नियम देता है। यह सुविधा कैसे छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ ही अन्य गतिविधियों में शामिल होने के यहां पर अनुमति देता है। छात्र अपनी क्षमताओं के आधार पर अपनी पढ़ाई को भी आसानी से चुन सकते हैं। आप इस फैसले से जो छात्र जल्दी डिग्री पूरा करना चाहते में जल्दी नौकरी अभी आगे की पढ़ाई आसानी से शुरू कर सकते हैं यह फैसला शिक्षा व्यवस्था को और अधिक लचीला और छात्र केंद्रित माना जा रहा है।

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